What is Real Estate!!

Real Estate refers to Property consisting of land, buildings, and natural resources, including the air rights above the land and the underground rights below it. It encompasses a wide range of properties, such as residential houses, apartment buildings, commercial office spaces, retail stores, industrial facilities, vacant land, and more.


Real Estate can be classified into several categories:


1. Residential Real Estate: This includes properties intended for residential purposes, such as single-family homes, condominiums, townhouses, and apartments.


2. Commercial Real Estate: It involves properties used for commercial or business purposes, including office buildings, retail stores, shopping malls, hotels, and warehouses.


3. Industrial Real Estate: This category comprises properties used for industrial activities, such as manufacturing plants, distribution centers, and storage facilities.


4. Agricultural Real Estate: It consists of properties used for farming, agriculture, or livestock production.


5. Vacant Land: This refers to undeveloped land without any structures on it. Vacant land can be used for various purposes, such as future development, agriculture, or conservation.


Real Estate is a significant sector of the economy, and it plays a crucial role in various aspects of society, including housing, business operations, investment, and economic development. Buying, selling, and leasing real estate properties are common transactions within the real estate market. The value of Real Estate is influenced by factors such as location, demand, supply, economic conditions, and government regulations.


Regards: 

SDA Developers and Promotes.

SDA Infra and Promotes 

सोनपुर मेला...!!

सोनपुर मेला एशिया का सबसे बड़ा पशुओं का मेला है। इसका दूसरा नाम हरिहर क्षेत्र का सोनपुर मेला है। यह कार्तिक माह के पूर्णिमा से शुरू होकर 1 महीने तक चलता है। 

कार्तिक पूर्णिमा के दिन लोग सोनपुर के निकट गंडक नदी के कालीघाट से स्नान करके बाबा हरिहरनाथ को जल चढ़ाते हैं और उसी दिन से मेला की शुभारंभ होती हैं।

1 महीने चलने वाले इस मेला में दिन और रात बिल्कुल रंगीन हो जाते हैं। कई तरह के दुकाने जैसे लकड़ी के कपड़े के बर्तन के खिलौने के मिठाइयां के इत्यादि लगते हैं। सोनपुर मेले का मिया मिठाई खजूर पापड़ी का तो कोई जवाब ही नहीं है। यह हमारे सोनपुर मेला को एक अलग पहचान देती है जो पूरे साल में 1 महीने ही मिलता है हमें।

मेले में कई तरह के झूले सर्कस जादू का खेल इत्यादि चीजों का रोमांचक रहता है। सोनपुर मेले में हर साल कई तरह के प्रदर्शनी आते हैं जैसे कृषि प्रदर्शनी खेल प्रदर्शनी आपदा विभाग का प्रदर्शनी रेलवे का प्रदर्शनी सड़क का प्रदर्शनी और कई तरह की चीजें जो विद्यार्थी और लोगों को काफी आकर्षित करता है अपनी तरफ।

मेले में एक जनसंपर्क विभाग का मंच होता है जहां से हर दिन कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाते हैं। पूरे देश के कई क्षेत्रों से विभिन्न कलाकार आते हैं और नृत्य और संगीत का प्रक्रम दिखाते हैं।

बाबा हरिहर नाथ का मंदिर इस मेला का एक बहुत ही महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है लोग मेला घूमने से पहले बाबा हरिहर नाथ मंदिर में जल चढ़ाते हैं पूजा करते हैं और फिर मिले को घूमकर आनंद लेते हैं। सोनपुर मेला दिन की अपेक्षा रात में बहुत ही ज्यादा खूबसूरत लगती हैं।

यहां लगने वाला थिएटर इस मेले का एक बहुत ही महत्वपूर्ण पहचान देती है इसे देखने के लिए बिहार के अलग-अलग हिस्सों से लोग आते हैं। सोनपुर मेले में भारत के कई हिस्सों से ठंड के कपड़े बेचने वाले लोग आते हैं क्योंकि यह मेला ठंड के दिनों में लगता है और ठंड से जुड़े कपड़े जैसे कंबल रजाई जैकेट स्वेटर का बहुत बड़ा दुकान संपूर्ण मेले में लगते हैं।

इस मेले के बारे में जितना बताएं उतना कम है क्योंकि मेला के बारे में पढ़कर या सुनकर नहीं देखने से आनंद मिलेंगे।

धन्यवाद 🙏🙏


एक पक्षी की इच्छा!!

नमस्कार🙏 दोस्तों,

मेरा नाम Nitish Singhania है।

मैं आप लोगों के बीच एक नई कहानी लेकर आया हूं।आप लोग मेरे पिछला कहानी को पढ़ा ही होगा उम्मीद है की यह कहानी आपको और भी बेहतर लगेगी।

इस धरती पर करोड़ों प्रकार के प्राणी हैं। उन सभी प्राणियों में से सबसे खूबसूरत प्राणी पक्षी है। जिसे हर कोई बेहद पसंद करता है। अगर इस संसार में पक्षी ना होते तो ना जाने दुनिया कैसी होती। 

हमारे सुबह और शाम होने में भी पक्षियों का योगदान होता है।

इस संसार के हर एक प्राणी की अपनी-अपनी इच्छा होती हैं। वह अपनी जिंदगी को कैसे जीना चाहता है। अपनी जिंदगी में वह क्या हासिल करना चाहता है?

हमें अपने जीवन में खुशी तब मिलती हैं जब हमारी इच्छा पूरी हो जाती है। हम अपने इच्छा को पूरा करने के लिए कितनी भी बड़ी बाधा क्यों ना है उसका सामना कर लेते हैं।

दोस्तों, मैं इस कहानी में एक पक्षी की इच्छा के बारे में बात करने वाला हूं।

पक्षी की क्या इच्छा होती है? वह अपने इच्छा पूरी करने के लिए कैसे मेहनत करती है। उसे किन-किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। 

हम सभी जानते हैं कि हमारे परिश्रम का फल हमें जरूर मिलता है।

हम इंसानों की तरह ही पक्षियों की सबसे बड़ी इच्छा होती है कि वह अपनी जिंदगी को अपने अनुसार जीएं। 

पक्षियों हमेशा अपने आप को स्वतंत्र रखना चाहती हैं।

वह हमेशा अपने आप को खुले आसमानों में उड़ते रहना पसंद करती हैं। 

दुनिया की सैर करना किसे पसंद नहीं होता चाहे वह कोई भी जीव क्यों ना हो।

पक्षी अपने जीवन यापन के लिए किसी पर निर्भर नहीं रहता है, वे अपना भोजन स्वयं ढूंढते हैं और अपने परिवार का भी भरण पोषण करते हैं। 

वे कभी भी भोजन के लिए एक दूसरों के बीच लड़ाई-झगड़ा नहीं करते जो मिलता उसी में मिल-बांट  कर खा लेते हैं।

पक्षी अपने बच्चों का अच्छे से देखभाल करते है। वह हमेशा अपने बच्चों को अपनी तरह ही स्वतंत्र रूप से जीना सिखाती है। 

पक्षियों को चाहकना, बागों में उड़ना, कभी-कभी बरसात में भीगना बहुत पसंद होता है। 

पक्षियों को हमारे छोटे-छोटे बच्चों के साथ खेलना पसंद आता है वह कभी-कभी हमारे छोटे बच्चों के भोजन को भी जैसें रोटियां बिस्कुट ले उड़ती है।

पक्षियां अपने आप को हमेशा प्राकृतिक से जोड़ कर रखते हैं। वे प्राकृतिक की भावनाओं को समझते हैं और प्राकृतिक उन्हें समझती हैं। पक्षियां कुछ बोल नहीं सकती परंतु अपने भावनाओं से हमें बहुत कुछ बतलाती हैं।

वे अपने खूबसूरत वाणी से हर किसी का मन मोह लेती है। हर पक्षी की बोली अलग-अलग होती है और हर पक्षी अपने भावनाओं में हमसे बहुत कुछ कहना चाहती हैं।

"काश हम पक्षियों की भाषाओं को समझ पाते!!"

पक्षियों अपने इच्छा को पूरी करने के लिए अपने जिंदगी को जीते हैं और हम इंसान अपनी इच्छा को पूरी करने के लिए उनकी जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर बैठते हैं। 

हम अक्सर पक्षियों को पिंजरे में कैद कर उनकी आजादी उनसे छीन लेते हैं। 

कभी-कभी उनका शिकार कर उनकी जिंदगी और उनका वंश को समाप्त कर देते हैं।

क्या यही इंसानियत है? अपनी खुशी के लिए दूसरों को तकलीफ देना। 

कदापि नहीं, हमें यह कोई अधिकार नहीं है कि अपनी इच्छा पूरी करने के लिए दूसरों की जिंदगी को तबाह कर दे। 

अपनी इच्छा को पूरी करने के लिए बहुत सारे तरीके हैं। हर किसी की इच्छा होती है वह अपनी जिंदगी को बेहतर ढंग से खुशी-खुशी जिएं।

हमारी यह जिम्मेवारी होनी चाहिए कि हम पक्षियों का ख्याल रखें उनकी इच्छा के अनुसार हम उनकी मदद कर सकें।

आपको यह कहानी कैसी लगी यह हमें जरूर बताइएगा हमारे कमेंट बॉक्स में और अगर कहानी पसंद आई होगी तो इसे लाइक और शेयर जरूर कीजिएगा!!



मेरे पिछले कहानी को यहां से पढ़े।।👇👇

Internet वाला Love 

परिक्षा के पहले की रात

एक फुल की जिंदगी!!


धन्यवाद 🙏🙏💐🌷






एक फुल की जिंदगी!!

नमस्कार🙏 दोस्तों,

मेरा नाम Nitish Singhania है।

मैं आप लोगों के बीच एक नई कहानी लेकर आया हूं।आप लोग मेरे पिछला कहानी को पढ़ा ही होगा उम्मीद है की यह कहानी आपको और भी बेहतर लगेगी।

इस दुनिया में हर प्राणी की एक जिंदगी होती है और कभी ना कभी उसकी जिंदगी समाप्त हो ही जाती है। मैं इस कहानी में एक फूल की जिंदगी के बारे में बात करने वाला हूं। 

फूल पौधों का एक महत्वपूर्ण भाग है। फूल पौधों के साथ-साथ हम मनुष्य प्राणी, जानवरों और पक्षियों के लिए के लिए भी उपयोगी होता है।

इस संसार के हर प्राणी को फूल बहुत ज्यादा पसंद आता है। फुल खासकर तितलियों और मधुमक्खियों को बहुत ज्यादा पसंद आता है क्योंकि उनका जीवन यापन फूलों पर ही होता है। 

एक पौधों में अनेकों फूल होते हैं, हर फूल की जिंदगी एक समान ही होती हैं। हर एक फूल का निर्माण एक कली से होती है। 

मतलब की कली फूल का प्रारंभिक भाग है। जब तक एक फूल कली के रूप में रहती है उस फूल के पास एक विकल्प होता है अगले पड़ाव में जाने का। जैसे ही कली से फूल का निर्माण होता है उस फूल की जिंदगी का आखरी पाला जाता है।

जब तक एक फूल कली के रूप में रहता है उसके तरफ कोई भी ध्यान नहीं देता, ना ही कोई मनुष्य प्राणी और ना ही कोई पक्षी या कीट पतंग। 

जब कली से फूल का निर्माण होता है तो कई पक्षी और कीट पतंग अपने भोजन के लिए उस फूल पर आकर बैठते हैं उसका रस चूसते हैं।

पक्षियों और कीट पतंगों द्वारा फूलों का रस चूसे जाना फूलों के लिए भी उपयोगी होता है।

फूलों का इंसानों के जीवन में भी बहुत बड़ा महत्व है। कोई व्यक्ति कितना भी उदास क्यों ना हो अगर वह किसी खूबसूरत फूल को देख ले तो वह मुस्कुरा ही देता है बिल्कुल उस फूल की तरह। 

वैसे फूलों की जिंदगी हम इंसानों की जिंदगी से बिल्कुल अलग है। क्योंकि फूल दूसरों की खुशी और मुस्कुराहट के लिए खिलते हैं। 

हम फूल का उपयोग अपने जीवन के हर अच्छे और बुरे पल में करते हैं। हम अपने प्रेम का प्रतीक फुल को ही मानते हैं। 

फुल हमारे सभी सुख दुख का साझेदार बनकर हमारे साथ रहता है।

और हम इंसान उन्हें अपनी इच्छा पूरी करने के लिए उन्हें तोड़कर उस की जीवन को समाप्त कर देते हैं।


फूलों को कभी अपनी जिंदगी पर घमंड नहीं होता क्योंकि उसे इस बात का पता होता है कि

ज्योंही ही उसके जीवन की शुरुआत होती है उसके जीवन का आखिरी पल आ जाता है। 

जैसे ही कोई फूल कली से फूल के रूप में बदलता है वह टूट कर बिखर ना शुरू हो जाता है और उसकी जिंदगी के अंत का शुरुआत हो जाता है। 

हम इंसान बच्चे से जवान होते हैं फिर बुढ़ापा आतीं हैं। हम इंसानों को लगता है कि जब हम जवान होते हैं तब हमें जिंदगी जीने का वक्त आता है। 

परंतु एक फूल जैसे ही कली से फूल में बदलता है उसका अंत शुरू हो जाता है।

"कितनी अलग है ना एक फूल की जिंदगी हम इंसानों से।" 

हमें कभी इस बात का घमंड नहीं होना चाहिए कि हमेशा मेरा ही वक्त रहेगा। कभी-कभी कुछ वक्त ऐसा भी आता है जो हमारे लिए आखिरी वक्त हो सकता है। 

जैसे उस फूल के लिए कली से फूल में बदलना उस फूल के जिंदगी का आखरी पल हो जाता है।

जिस प्रकार फूल अपने जीवन के आखरी पल में हर किसी के काम आते हैं। 

ठीक वैसे ही हम इंसानों को भी अपने जीवन के आखिरी पल में हर अच्छे और बुरे लोगों के काम आते रहना चाहिए। 

मुझे नहीं लगता कि इस दुनिया में कोई भी ऐसा इंसान होगा जिसे फूल से नफरत होगा। 

हम सब फूल को बेहद पसंद करते हैं। फूल हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। 

दोस्तों आपके मन में फूल के जीवन के बारे में क्या विचार है आप मेरे साथ जरूर शेयर कीजिएगा। 

आपको यह कहानी कैसी लगी यह हमें जरूर बताइएगा हमारे कमेंट बॉक्स में और अगर कहानी पसंद आई होगी तो इसे लाइक और शेयर जरूर कीजिएगा।


पिछले कहानी को यहां से पढ़े।।👇👇

Internet वाला Love

परीक्षा के पहले की रात!!

धन्यवाद 🙏🙏💐🌷








परीक्षा के पहले की रात!!

 

नमस्कार! 🙏 दोस्तों,

मेरा नाम Nitish Singhania है।

मैं आप लोगों के बीच एक नई कहानी लेकर आया हूं। आप लोगों ने मेरा पिछला कहानी  Internet वाला Love. को जरूर ही पढ़ा होगा उम्मीद है की यह कहानी आपको और भी अच्छी लगेगी।

दोस्तों हम सब अपने जिंदगी में कभी ना कभी कोई ना कोई परीक्षा जरूर दिया होंगे या कुछ लोगों का परीक्षा होने वाला होगा। वैसे कहे तो परीक्षा कुछ है नहीं या परीक्षा ही सब कुछ है। 

किसी महान व्यक्ति ने कहा है कि परीक्षा एक पड़ाव है जिसे पार करके हमें अपने जिंदगी में आगे बढ़ना होता है। परीक्षा के परिणाम यह तय नहीं करता कि हम जिंदगी में क्या कर सकते है, हमें अपने जिंदगी में वही हासिल होता है जो हम करते हैं।

हम इंसानों को हर दिन जिंदगी में कई परीक्षा से गुजरना पड़ता है!

दोस्तों, मैं इस कहानी में एक विद्यार्थी की वार्षिक परीक्षा के ठीक पहले की रात के बारे में चर्चा करने वाला हूं। 

जब किसी विद्यार्थी को यह ज्ञात होता है कि कल से मेरा परीक्षा शुरू होने वाला है। उस विद्यार्थी के मन में एक अजब सी हलचल बनी रहती है कि कल का दिन कैसा होगा। मालूम है कि कल पूरे एक साल की मेहनत का परिणाम दिखाने का वक्त आ गया है। कुछ विद्यार्थी ऐसे होते हैं जिन्हें इस बातें कोई चिंता नहीं कि कल क्या होने वाला है ये तो वही जानते हैं कि वो ऐसा क्यों करते हैं।

कुछ विद्यार्थी यह सोचते हैं कि आज कुछ ऐसी चीज पढ़ लो जो कल परीक्षा में आ जा सके, और कुछ विद्यार्थी यह सोचते हैं कि जब एक साल में कुछ ना पढ़ा तो एक दिन में क्या पढ़ लेंगे। वैसे उनका भी कहना सही होता है। अब ये विद्यार्थी ऐसा क्यों कहते हैं ये तो वही बता सकते हैं। 

"वैसे आप इसके बारे में क्या कहेंगे यह बात कमेंट बॉक्स में हमें जरूर बताइएगा।"

परीक्षा की आखिरी रात एक विद्यार्थी के लिए उस इंसान के जैसा होता है जिसे कल फांसी देना हो। दोनों को यह बात पता होता है कि अब तक जो करना था वह कर चुके अब कल सुबह चढ़ाई पर चढ़ना है। फर्क सिर्फ इतना है कि विद्यार्थी को एक के बाद फिर दूसरे परीक्षा देने का मौका मिलता है।

परीक्षा की आखिरी रात हर विद्यार्थी अपने आप को उस प्रकार तैयार करते हैं जैसे कोई सैनिक युद्ध लड़ने के लिए अपने आपको तैयार करता है। सैनिक जिस प्रकार अपने हथियार को रणभूमि में युद्ध लड़ने के लिए तैयार करते हैं उसी प्रकार एक विद्यार्थी कल की परीक्षा देने के लिए अपने सारे उपकरण को तैयार करता है।

विद्यार्थी चाहे कोई भी हो कैसा भी हो सब यही चाहता है कि भगवान की दया से कल हम किसी तरह परीक्षा हॉल में सही सलामत पहुंच जाए, वरना अगर अभी से सुबह में तक कोई घटना मेरे साथ हो गई तो हम इस परीक्षा को देने से वंचित हो सकते हैं।

उस रात विद्यार्थी भोजन भी इस प्रकार ही करता है कि कल किसी प्रकार की समस्या पेट के साथ खड़ी ना हो पाए वरना क्या होगा जो आप समझ सकते हैं। 

परीक्षा के आखिरी रात में कुछ विद्यार्थी देर रात तक जाग के पढ़ाई करते हैं और कुछ सब कुछ त्याग कर अच्छी नींद लेते हैं ताकि कल परीक्षा देते समय जरा सा भी थकान महसूस ना हो और नींद ना आए, वरना परीक्षा में बाधा हो सकती हैं।

सच कहूं तो दोस्त परीक्षा की आखिरी रात हर विद्यार्थी के जीवन का बहुत ही महत्वपूर्ण रात होता है। हर विद्यार्थी इस रात को अच्छे से देखना और जीना चाहता है क्योंकि यह रात बार-बार नहीं आता है।

इसके साथ ही दोस्तों मैं इस कहानी को समाप्त करना चाहता हूं उम्मीद है कि आपको एक कहानी पसंद आई होगी!!

आपको यह कहानी कैसी लगी हमें "कमेंट बॉक्स में जरुर बताइएगा और अगर आप कोई सुझाव देना चाहते हैं यह भी हमें कमेंट बॉक्स में लिख कर बताइएगा"!

धन्यवाद!!🙏🙏



Computer Programming.

Computer programming is the process of designing and building an executable computer program to accomplish a specific computing result or to perform a specific task. 

Programming is the process of creating a set of instructions that tell a computer how to perform a task. Programming can be done using a variety of computer programming languages, such as JavaScript, Python, and C++.


The main types of programming languages are:
  • Procedural Programming Language.
  • Functional Programming Language.
  • Object-oriented Programming Language.
  • Scripting Programming Language.
  • Logic Programming Language.


Software Development.

#> Project Development
>Person Selection.
>Team Build.
>Schedule (Grant chart, Pert Chart)
>Estimation (Loc, CoCoMo.)
>Hardware & Software.
>Risk.
>Configuration....

#>Software Engineering (SDLC.)

>Information Gathering.
>Analysis.
>Design
  • Data Design
  • Structure Design
  • Database Design
  • Interface Design
  • Communication (Network) Design
>Coding and Testing.
>Implementation.

#> Project Report.

>Introduction about System/Software- Scope & features.
>Classification of Project.
>Schedule & Hardware & Software Selection.
>SRS(Software Requirment Specification)
          Input ➡️ Process➡️ Output.

>Structure Tools {0,II&III level DFD, Data Dectionery, ER Diagram, Decision Table & Tree.}

>System Design (Structure Design)
        ➡️I&II Module Code with test:
        ➡️ Implementation.








Internet वाला Love.

नमस्कार दोस्तों, 🙏🙏

मेरा नाम NITISH SINGHANIA है!

मैं आपके बिच एक बहुत ही खूबसूरत कहानी लेकर आया हूं। उम्मीद, करता हूं कि आप सभी को ये कहनी पसंद आयेगी।


आज इस Technology भरे दुनिया में इन्टरनेट हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। हम बहुत सी जानकारियां को इन्टरनेट के माध्यम से प्राप्त करते हैं। हम अपना ज्यादातर वक्त इन्टरनेट के साथ ही बिताते हैं। आज लोगों का जीवन इन्टरनेट के साथ सोना और इन्टरनेट के साथ ही जागना हो गया है। आज चाहे घर में आटा हो या न हो मगर मोबाइल फोन में डाटा जरूर होना चाहिए। 


वैसे तो इन्टरनेट से बहुत कुछ होता है पर क्या आप इन्टरनेट वाला लव के बारे में जानते हैं?

नहीं, तो मैं इस कहानी के माध्यम से आप को बताने जा रहा है इन्टरनेट वाला लव...!!


आप सब से एक सवाल कि 

"प्यार क्या है? या यूं कहे तो what is Love?"

प्यार शब्द सुनते हैं आप सबके मन में एक ही बात आते हैं कि शादी से पहले एक लड़का और एक लड़की का रिलेशनशिप प्यार कहलाता है।

"वैसे प्यार के बारे में आपकी क्या राय है यह आप कमेंट बॉक्स में जरूर बताइएगा।"


हर व्यक्ति के अनुसार उनके लिए प्यार का अपना एक अलग मतलब होता है जिसे वे अपने शब्दों में बयां कर सकते हैं। ऐसा मेरा मानना है कि प्यार हमारे जीवन का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है। "Love is the part of Life." 


हम इस कहानी में इंटरनेट वाला लव के बारे में बात करने वाले हैं। 

इंटरनेट वाला लव को दूसरों शब्दों में कहें तो ऑनलाइन लव। पहले के समय में हुआ करता था कि हम जिसे बहुत ज्यादा चाहते हैं और ज्यादा पसंद करते हैं, उन्हें देखने के लिए कभी उनके गली से गुजरते थे। कभी उनसे मिलने के लिए पार्क, मंदिर, बाजार में कोचिंग कॉलेज-क्लास में मिला करते थे। 

पहले का हमारा साथी आस-पड़ोस गांव-मोहल्ला का हुआ करता था या पास के शहरों का।


आज के समय में हमारे वैसे भी साथी हो जाते हैं, जिनसे ना कभी मिले हो और ना कभी उन्हें देखा हो। उनके शहर को ना कभी देखे हो और ना उनके शहर के नाम को कभी सुना हो। परंतु उनसे हमारी रिश्ते बहुत गहरी हो जाती है जितना कि अपने परिवार के किसी सदस्य के साथ भी नहीं होता है। आखिर किसी अनजान व्यक्ति पर हमें इतना गहरा विश्वास हो कैसे जाता है। हम अपने परिवार के सदस्यों से ज्यादा विश्वास उनके ऊपर करने लगते हैं। अपने ज्यादातर पर्सनल बातों को उनसे शेयर करते हैं जो अपने परिवार के सदस्यों से छुपा कर रखते हैं। ऐसे लोगों से हमारी मुलाकात और दोस्ती "इंटरनेट और सोशल मीडिया" के माध्यम से होता है।


हम अपने इंटरनेट वाले दोस्त लड़का या लड़की के साथ सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, व्हाट्सएप, मैसेंजर, टि्वटर, इंस्टाग्राम इत्यादि के माध्यम से उनसे घंटों मैसेज के द्वारा बातें करते हैं। उनके साथ हम हर रोज के हुए गतिविधियों को शेयर करते हैं। 

हमारा यह मैसेजिंग का सिलसिला सुबह से शुरू होता है और जब तक नींद ना आए रात को तब तक चलता रहता है। 

हम हर सुबह अपने दोस्तों को गुड मॉर्निंग विश करके ही बिस्तर पर से उठते हैं। फिर उनका स्टेटस चेक करना, उनके पोस्ट पर लाइक और कमेंट करना, उनके जोक्स वाला मैसेज और पोस्ट पर हंसना, उनके इमोशन वाले वीडियोज और मैसेज का रिप्लाई देना, और ना जाने क्या-क्या करते हुए हमारा पूरा दिन ऐसे ही गुजर जाता है।

फिर शाम में उन्हें हम रात तक दिन भर में हुए कुछ अच्छे बुरे घटनाओं को उनके साथ शेयर करते हैं। यह एक साइक्लोजिकल फैक्ट है कि हम अपना सुख और दुख को किसी के साथ शेयर करते हैं तो हमें अच्छा लगता है। हमारे रियल लाइफ में ऐसे कम ही लोग होते हैं जो हमें खुश देख कर के हमारे साथ रहते हैं, ज्यादातर लोग तो हमें खुश देख करहम से जलते ही रहते हैं। और हमारा दुख को कोई सुनना पसंद ही नहीं करता। सोशल मीडिया वाले फ्रेंड ही हमारे लिए बेहतर विकल्प होता है इनके साथ हम अच्छा बुरा कुछ भी शेयर कर सकते हैं।ये लोग ही हमारे अकेलेपन को दूर कर सकते हैं।  


कुछ लोग इस प्रकार की गतिविधियों को प्यार समझ बैठते हैं जिसे मैंने इंटरनेट वाला लव का नाम दिया है। 

यह इंटरनेट वाला लव किसी भी उम्र में हो सकता है किसी भी व्यक्ति को हो सकता है। चाहे वह दिखने में कैसा भी हो, चाहे वह बोलने में कैसा भी हो, वह क्या करता है इन सब से इस प्यार का कोई नाता नहीं होता है। यह प्यार रंग, रूप और सुंदरता को नहीं देखता। अगर उस व्यक्ति का चरित्र और सोचने का तरीका आप से मिलता जुलता हो तो अक्सर हम उन्हें प्यार समझ लेते हैं।


क्या सच में इसे प्यार कहा जा सकता है? मैं तो इसे नहीं मानता आपकी क्या राय है यह बात कमेंट बॉक्स में जरूर बताइएगा। 

इस इंटरनेट वाले प्यार पर मेरा विचार यह है कि आपका प्यार तब तक ही जीवित है जब तक आप और आपका साथी दोनों ऑनलाइन हो। जब तक आपके और आपके साथी के मोबाइल फोन में इंटरनेट और बैटरी दोनों उपलब्ध हो। तब तक ही आप एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। कुछ लोग इतने मासूम होते हैं कि कोई हमारे साथ वक्त गुजरता है और हम उसे प्यार समझ बैठते हैं। 

यह क्या है? किसी से दो-चार अच्छी-बुरी मीठी बातें कर लेने को प्यार कहा जा सकता है। जब तक हमारा साथी हमसे बात करता है हमें लगता है कि वह मेरे बारे में बात कर रहा है सिर्फ और सिर्फ मुझ से हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि जिस समय आप बात कर रहे हैं, उस समय आपका साथी आपके अलावा और कितने लोगों से भी बातें कर रहा/रही हैं।

नहीं ना,

तो फिर आप इसे प्यार कैसे कर सकते हैं। इसे प्यार नहीं बस एक टाइम पास कहा जा सकता है। इंटरनेट के माध्यम से दोस्तों हमारे जीवन के लिए उपयोगी ढेर सारी जानकारी प्राप्त किये जा सकता हैं। ना कि इंटरनेट से अपना समय और कैरियर को बर्बाद करें। 

दोस्तों रियल लव करना है तो अपने कैरियर से करें जो जिंदगी भर आपका साथ देगा। आपके हर एक जरूरत को आपका कैरियर ही पूरा करेगा। प्यार नहीं।


वैसे तो दोस्तों लिखने के लिए बहुत कुछ है। पर मैं इस कहानी को यही समाप्त करना चाहुंगा। 

दोस्तों आपको एक कहानी कैसी लगी कमेंट बॉक्स में जरूर बताइएगा और आगे किस प्रकार की कहानियां पढ़ना पसंद करेंगे यह भी बताइएगा हमें...!!


🙏🏻धन्यवाद...!!🙏🏻