नमस्कार दोस्तों, 🙏🙏
मेरा नाम NITISH SINGHANIA है!
मैं आपके बिच एक बहुत ही खूबसूरत कहानी लेकर आया हूं। उम्मीद, करता हूं कि आप सभी को ये कहनी पसंद आयेगी।
आज इस Technology भरे दुनिया में इन्टरनेट हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। हम बहुत सी जानकारियां को इन्टरनेट के माध्यम से प्राप्त करते हैं। हम अपना ज्यादातर वक्त इन्टरनेट के साथ ही बिताते हैं। आज लोगों का जीवन इन्टरनेट के साथ सोना और इन्टरनेट के साथ ही जागना हो गया है। आज चाहे घर में आटा हो या न हो मगर मोबाइल फोन में डाटा जरूर होना चाहिए।
वैसे तो इन्टरनेट से बहुत कुछ होता है पर क्या आप इन्टरनेट वाला लव के बारे में जानते हैं?
नहीं, तो मैं इस कहानी के माध्यम से आप को बताने जा रहा है इन्टरनेट वाला लव...!!
आप सब से एक सवाल कि
"प्यार क्या है? या यूं कहे तो what is Love?"
प्यार शब्द सुनते हैं आप सबके मन में एक ही बात आते हैं कि शादी से पहले एक लड़का और एक लड़की का रिलेशनशिप प्यार कहलाता है।
"वैसे प्यार के बारे में आपकी क्या राय है यह आप कमेंट बॉक्स में जरूर बताइएगा।"
हर व्यक्ति के अनुसार उनके लिए प्यार का अपना एक अलग मतलब होता है जिसे वे अपने शब्दों में बयां कर सकते हैं। ऐसा मेरा मानना है कि प्यार हमारे जीवन का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है। "Love is the part of Life."
हम इस कहानी में इंटरनेट वाला लव के बारे में बात करने वाले हैं।
इंटरनेट वाला लव को दूसरों शब्दों में कहें तो ऑनलाइन लव। पहले के समय में हुआ करता था कि हम जिसे बहुत ज्यादा चाहते हैं और ज्यादा पसंद करते हैं, उन्हें देखने के लिए कभी उनके गली से गुजरते थे। कभी उनसे मिलने के लिए पार्क, मंदिर, बाजार में कोचिंग कॉलेज-क्लास में मिला करते थे।
पहले का हमारा साथी आस-पड़ोस गांव-मोहल्ला का हुआ करता था या पास के शहरों का।
आज के समय में हमारे वैसे भी साथी हो जाते हैं, जिनसे ना कभी मिले हो और ना कभी उन्हें देखा हो। उनके शहर को ना कभी देखे हो और ना उनके शहर के नाम को कभी सुना हो। परंतु उनसे हमारी रिश्ते बहुत गहरी हो जाती है जितना कि अपने परिवार के किसी सदस्य के साथ भी नहीं होता है। आखिर किसी अनजान व्यक्ति पर हमें इतना गहरा विश्वास हो कैसे जाता है। हम अपने परिवार के सदस्यों से ज्यादा विश्वास उनके ऊपर करने लगते हैं। अपने ज्यादातर पर्सनल बातों को उनसे शेयर करते हैं जो अपने परिवार के सदस्यों से छुपा कर रखते हैं। ऐसे लोगों से हमारी मुलाकात और दोस्ती "इंटरनेट और सोशल मीडिया" के माध्यम से होता है।
हम अपने इंटरनेट वाले दोस्त लड़का या लड़की के साथ सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, व्हाट्सएप, मैसेंजर, टि्वटर, इंस्टाग्राम इत्यादि के माध्यम से उनसे घंटों मैसेज के द्वारा बातें करते हैं। उनके साथ हम हर रोज के हुए गतिविधियों को शेयर करते हैं।
हमारा यह मैसेजिंग का सिलसिला सुबह से शुरू होता है और जब तक नींद ना आए रात को तब तक चलता रहता है।
हम हर सुबह अपने दोस्तों को गुड मॉर्निंग विश करके ही बिस्तर पर से उठते हैं। फिर उनका स्टेटस चेक करना, उनके पोस्ट पर लाइक और कमेंट करना, उनके जोक्स वाला मैसेज और पोस्ट पर हंसना, उनके इमोशन वाले वीडियोज और मैसेज का रिप्लाई देना, और ना जाने क्या-क्या करते हुए हमारा पूरा दिन ऐसे ही गुजर जाता है।
फिर शाम में उन्हें हम रात तक दिन भर में हुए कुछ अच्छे बुरे घटनाओं को उनके साथ शेयर करते हैं। यह एक साइक्लोजिकल फैक्ट है कि हम अपना सुख और दुख को किसी के साथ शेयर करते हैं तो हमें अच्छा लगता है। हमारे रियल लाइफ में ऐसे कम ही लोग होते हैं जो हमें खुश देख कर के हमारे साथ रहते हैं, ज्यादातर लोग तो हमें खुश देख करहम से जलते ही रहते हैं। और हमारा दुख को कोई सुनना पसंद ही नहीं करता। सोशल मीडिया वाले फ्रेंड ही हमारे लिए बेहतर विकल्प होता है इनके साथ हम अच्छा बुरा कुछ भी शेयर कर सकते हैं।ये लोग ही हमारे अकेलेपन को दूर कर सकते हैं।
कुछ लोग इस प्रकार की गतिविधियों को प्यार समझ बैठते हैं जिसे मैंने इंटरनेट वाला लव का नाम दिया है।
यह इंटरनेट वाला लव किसी भी उम्र में हो सकता है किसी भी व्यक्ति को हो सकता है। चाहे वह दिखने में कैसा भी हो, चाहे वह बोलने में कैसा भी हो, वह क्या करता है इन सब से इस प्यार का कोई नाता नहीं होता है। यह प्यार रंग, रूप और सुंदरता को नहीं देखता। अगर उस व्यक्ति का चरित्र और सोचने का तरीका आप से मिलता जुलता हो तो अक्सर हम उन्हें प्यार समझ लेते हैं।
क्या सच में इसे प्यार कहा जा सकता है? मैं तो इसे नहीं मानता आपकी क्या राय है यह बात कमेंट बॉक्स में जरूर बताइएगा।
इस इंटरनेट वाले प्यार पर मेरा विचार यह है कि आपका प्यार तब तक ही जीवित है जब तक आप और आपका साथी दोनों ऑनलाइन हो। जब तक आपके और आपके साथी के मोबाइल फोन में इंटरनेट और बैटरी दोनों उपलब्ध हो। तब तक ही आप एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। कुछ लोग इतने मासूम होते हैं कि कोई हमारे साथ वक्त गुजरता है और हम उसे प्यार समझ बैठते हैं।
यह क्या है? किसी से दो-चार अच्छी-बुरी मीठी बातें कर लेने को प्यार कहा जा सकता है। जब तक हमारा साथी हमसे बात करता है हमें लगता है कि वह मेरे बारे में बात कर रहा है सिर्फ और सिर्फ मुझ से हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि जिस समय आप बात कर रहे हैं, उस समय आपका साथी आपके अलावा और कितने लोगों से भी बातें कर रहा/रही हैं।
नहीं ना,
तो फिर आप इसे प्यार कैसे कर सकते हैं। इसे प्यार नहीं बस एक टाइम पास कहा जा सकता है। इंटरनेट के माध्यम से दोस्तों हमारे जीवन के लिए उपयोगी ढेर सारी जानकारी प्राप्त किये जा सकता हैं। ना कि इंटरनेट से अपना समय और कैरियर को बर्बाद करें।
दोस्तों रियल लव करना है तो अपने कैरियर से करें जो जिंदगी भर आपका साथ देगा। आपके हर एक जरूरत को आपका कैरियर ही पूरा करेगा। प्यार नहीं।
वैसे तो दोस्तों लिखने के लिए बहुत कुछ है। पर मैं इस कहानी को यही समाप्त करना चाहुंगा।
दोस्तों आपको एक कहानी कैसी लगी कमेंट बॉक्स में जरूर बताइएगा और आगे किस प्रकार की कहानियां पढ़ना पसंद करेंगे यह भी बताइएगा हमें...!!
🙏🏻धन्यवाद...!!🙏🏻